Monday 9 June 2014

49 दिन की दिल्ली सरकार ने दिल्ली वासियों को ऐसा क्या दे दिया कि दिल्ली अब आम आदमी पार्टी को सत्ता के षीर्श पर देखने के लिए आतुर हो उठी है। हर जुबां पर एक ही बात है कि आने वाले चुनावों में केवल आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को ही जिता कर सत्ता सौंपी जाए ताकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केज़रीवाल ने 49 दिनों के अपने कार्यकाल में अद्भुत कार्यक्षमता का जो ट्रेलर प्रस्तुत किया वह पूरी फिल्म के रूप में देष व दुनिया के सामने आ सके।
‘जाने कैसे वो तय अपने हर मुकाम कर गया।
परों में बाधकर खंजर अपनी हर उडान कर गया।।
अरविंद केजरीबाल…एक डर, एक खौफ, एक चेहरा इ्र्रमानदारी का, एक विष्वास उम्मीदों का और एक आवाज आम आदमी की। जैसे ही 28 दिसम्बर 2013 को दिल्ली की गद्दी पर अरविंद सत्तारूढ़ हुए, विरोधियों के और बडे़-बड़े राजनीतिक सूरमाओं के सिंहासन की चुूले हिलने लगी। बरसों से दबे कुचले लोगों के वे अरमान जिन्हें वे जिंदा करने उम्मीद भी भुला बैठे थे, धीरे-धीरे सांसे लेने लगे। जैसे-जैसे अरविंद सरकार के कदम लोगांे के बीच बढ़ रहे थे वैसे-वैसे विपक्ष की धडकनें बढ़ रही थी कि जाने कब उसके बढ़ते कदम उनके गिरेबां तक जा पहुंचें। सरकार बनी, उम्मीदें बनी, और जब सरकार ने फैसले लेने षुरू किए तो विपक्ष का मुंह खुला का खुला ही रह गया। हर फैसले के साथ परंपरागत राजनीति के पक्षधरों को अपनी-अपनी राजनीति की कब्र खुदती दिखाई देने लगी।
कुर्सी पर बैठते ही अरविंद का पहला कदम था उस वीआईपी कल्चर को खत्म करना, जिसका नाजायज फायदा नेताओं से ज्यादा उनका परिवार सामने वाले पर अपने रौब जमाने के लिये करता था, अरविंद सरकार ने सबसे पहले वीआईपी कल्चर पर हल्ला बोला और मंत्रियों व अधिकारियों की बत्तियां हटवा दी गई। अरविंद के मंत्रिमंडल ने भी बड़े-बड़े बंगलो में रहकर अपनी जिंदगी को आराम परस्त बनाने से गुरेज किया और आम आदमी बन कर ही सत्ता की बागडोर संभाली। इस पहल का असर दूर-दूर तक नज़र आया। यूपी सरकार ने अपनी सुरक्षा काफिला आधा कर दिया तो राजस्थान में बसुंधरा राजे ने भी अपनी सुरक्षा दस्ते को कम किया।
यह ‘आप‘ सरकार पर जनता का प्यार और भरोसा ही था कि खिड़की ऐक्सटेंषन के लोग आधी रात को अपने कानून मंत्री के घर का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं हिचके और उनके विष्वास को बनाए रखते हुए सोमनाथ भारती रात की परवाह किए बगैर भी उनके साथ हो लिए, जिसके लिये। हालांकि विरोधियों ने इस नेक काम के लिए सोम नाथ भारती के खिलाफ कई दिनों तक आंदोलन छेड़े रखा किंतु इसकी परवाह किए बगैर आम आदमी पार्टी के तमाम मंत्री जनसेवा में रात-दिन एक कर अपने काम को अंजाम देते रहे। राखी बिड़लाना आधी-आधी रात को अपने राज्य की महिलाओं की सुरक्षा का जायजा लेने व उनकी समस्याओं को सुनने के लिए बाहर धुूमती नजर आई। दहेज के लिए जला दी गयी महिला को इंसाफ दिलाने के लिये राखी बिडला ने हर मुमकिन प्रयास किया किंतु पुलिस की लपरवाही के कारण महिला को बचाया न जा सका। पुलिस के इसी प्रकार के रवैए के खिलाफ मुख्यमंत्री समेत तमाम मंत्रीमंडल आम जनता की सुरक्षा की मांग को लेकर धरने पर बैठ गया। व्यापारियों के लिए कर सुधार की दिषा में कार्य षुरू किया गया। दिल्ली सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री षीला दीक्षित के उस फैसले को पलट दिया गया जिसमें उन्होनें रिटेल में एफडीआई को अनुमति दी थी। इस फैसले से छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली। जलबोर्ड के प्रमुख का तबादला कर दिया गया, दिल्ली की जनता को 700 लीटर पीने के मुफत पानी की घोशणा की गई। बिजली की दरें 400 यूनिट तक के लिए आधी कर दी गई। जो काम कांग्रेस सरकार 15 सालों से बहाने बनाकर टालती आ रही थी वही काम आप सरकार ने चार पांच दिनों में पूरे कर दिए। कैग से बिजली कंपनियों के आॅडिट करवाने का आदेष जारी किया गया। बिजली कटौती की षिकायत के लिये हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया। बिजली कंपनियों की मनमानी रोकने के लिये उनके लाइसेंस रद्द करने तक की कड़ी चेतावनी उन्हें दी गई। उन लोगांे के बिजली के बकाया बिल 50 फीसदी माफ किए गए जिन्होंने नाज़ायज बिलों के खिलाफ आंदोलन करते हुए रोश स्वरूप अपने बिजली के बिल भरने से इन्कार कर दिया था। सरकार गिरने के उपरांत हाई कोर्ट ने इस फैसले पर फिलहाल रोक लगाई है।
जलबोर्ड के 800 कर्मचारियों का तबादला अपने आप में एक उपलब्धि ही कही जा सकती है। उन इलाकों में जहां पानी के लिए लाइनंे तक नहीं बिछी थी उनमें लाइने बिछाने का काम षुरू किया जा चुका है। टैंकर माफियों की तो जैसे उल्टी गिनती ही षुरू हुई। सरकार ने उनकी लूट पर पूरी तरह षिकंजा कस लिया था। दिल्ली में 5500 नये आटो चालकांे को परमिट दिए गए। आॅटो चालकों के दुःख-सुख में साथ खडे़ होकर सीएनजी गैसों पर बढ़े दामों पर सवाल उठाये और नतीजन बढ़े दाम फिर से कम किए गए। दिल्ली सरकार प्रदूशण मुक्त दिल्ली के लिए वचनबद्ध रही इसके लिए उन्होंने यमुना किनारे बने मिलेनियम बस डिपों को हटाने का आदेष दिया। एंटी क्रप्षन हेल्प लाइन चालू कर भ्रश्ट अफसरों और कर्मचारियों के दिलों में खौफ पैदा करना ये आप सरकार का ही जादू था, दिल्ली जल बोर्ड के घोटालों पर जांच के आदेष दिये गए। कामनवेल्थ गेम्स में स्ट्रीट लाॅइट प्रोजेक्ट में हुए धोटालों पर 6 फरवरी को जांच के आदेष दिए गए। केजी बेसिन से निकली गैस के दाम मंे अनावष्यक बढ़ोतरी करने के मामले मंे सरकार ने मोइली, मुरली देवड़ा ओर मुकेष अंबानी जैसे लोगों के खिलाफ जांच के आदेष देकर यह जता दिया कि उनकी नज़र में ईमानदारी और आदर्षों से ऊपर कोइ्र्र भी नहीं है। सरकार के
नर्सरी दाखिले के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किए गए। सरकारी स्कूलों के लिए इन्फ्राॅस्ट्रक्चर आडिट षुरू हुआ। 49 दिन की सरकार ने 58 नए रैन बसेरे बनवाए, जिन बसों को बेकार करार देकर सड़ने के लिए छोड़ दिया गया था ‘आप’ सरकार ने उन्हें प्रयोग में लाते हुए रैनबसेरों में बदल डाला जिससे फुटपाथ पर कड़ाके की ठण्ड में रात गुज़ारने की जगह उपलब्ध हो सकी।
सरकारी अस्पतालों मंे दवाइयां मिलने लगी, डाॅक्टर सीट पर नज़र आने लगे। यह भी ‘आप’ सरकार का ही असर था कि महाराश्ट्र में संजय निरूपम जैसे नेता ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बिजली के दाम घटाने के लिए मोर्चा खोल दिया। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में बिजली के दामों में कटौती का ऐलान तक कर दिया। दूसरे षब्दों में कहें तो आम आदमी पार्टी ने दूसरे नेताओं को भी सही राजनीति की प्रेरणा दी।
किंतु जब भश्टाचार मुक्त भारत के निमार्ण में आखिरी कील ठोकने का अवसर आया तो विरोधियों व पार्टियों के चेहरे पर लगे मुखौटे गिरने लगे। सब एक जुट हो गए, चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा अथवा कोई और सब एक हो गए और विधानसभा में जनलोकपाल बिल प्रस्तुत तक नहीं करने दिया। खैर इन्हें क्या मालूम कि आम आदमी किस मिट्टी का बना होता है वह तो अब भ्रश्टाचार व भ्रश्टाचारी दोनों को उखाड़ फेंकने का मन बना चुका है। यहां खैर अरविंद केजरीवाल ने जैसा कि अपेक्षित था कुर्सी से अधिक जनलोकपाल को अहमियत दी और इसी मुद्दे पर सरकार गिर गई। खैर यह तो ट्रेलर मात्र था जनता अब जाग चुकी है। किसमे कितना है दम यह तो अब वक्त बताएगा।
हमने 49 दिनों में वह कर दिखाया जो वे 49 साल में भी न कर पाते
दिल्ली में “आप” की सरकार के जाने के बाद एक सवाल राजनैतिक गलियारों में पूछा जाने लगा कि 49 दिनों के आम आदमी पार्टी ने क्या किया ? प्रश्न जायज है और इसका उत्तर भाजपा व कांग्रेस के मुंह पर तमाचा भी। आप कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे इस तालिका को अपने जहन में बिठाएं ताकि कोई भाजपाई व कांग्रेसी अपने कुतर्कों से आपको निषब्द न कर सके।
पिछले दो महीनों में दिल्ली के साथ-साथ पूरे मुल्क और दुनिया ने देखा कि किस तरह से मिलकर इन दोनों दलों ने “आप” की सरकार को घेरे रखा। वे आम आदमी पार्टी के द्वारा किए जाने वाले हर छोटे-बड़े काम में बेवजह टांग अड़ाते रहे। किंतु बावजूद इसके हमने वह कर दिखाया जिसे राजनैतिक पर्यवेक्षक अद्भुत मानते हैं। जरा सोचिए कि यदि हमारा तथाकथित सहयोगी दल कांग्रेस और विपक्ष में बैठी भाजपा हमें विकास के नाम पर जरा भी सहयोग देते तो हम क्या-क्या कर सकते थे। इसी दौरान मीडिया में भी चैबीसों घंटे सिर्फ और सिर्फ दिल्ली ही दिल्ली छाई रही। जैसे ही मीडिया आप के द्वारा किए जा रहे कार्यों की वास्तविकता जनता को दिखाने षुरू की भाजपा व कांग्रेस बौखला गई और उन्होंने प्रायोजित मीडिया समूहों के माध्यम से आप को बदनाम करने के लिए तरह-तरह के शड़यंत्र रचने षुरू कर दिए। मगर तमाम विवादों के बावजूद आप ने जो कर दिखाया वह इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बन गया। आइए नज़र डालते हैं इन उपलब्ध्यिों पर।

1. दिल्ली में लालबत्ती कल्चर समाप्त, अब कोई लाल बत्ती की टसन नहीं, अब कोई खास नहीं, सभी नेता और जनता एक समान हैं सभी “आम आदमी”।
2. दिल्ली में 400 यूनिट से कम इस्तेमाल पर बिजली के बिल आधे किए गए।
3. दिल्ली में 20,000 लीटर पानी, प्रत्येक कनेक्शन पर प्रतिमाह बिलकुल मुफ्त।
4. दिल्ली में चुनाव से पहले “आप” के बिजली आन्दोलन में भाग लेने वाले लग-भग 24000 परिवारों का उस निश्चित कालावधि का आधा बिजली बिल माफ किया। किंतु फिलहाल कोर्ट ने रोक लगाई है।
5. दिल्ली में तेज चलने वाले बिजली और पानी के मीटरों की जांच के लिए कार्यवाही शुरू।
6. बिजली कंपनियों के लेखे-जोखे का सीएजी द्वारा जाँच के आदेश. स्मरण रहे कि षीला दीक्षित इस जांच को यह कह कर टाल देती थी कि बिजली कंपनियां इसके लिए राजी नहीं हो रही हैं।
7. दिल्ली जलबोर्ड में 800 कर्मचारियों का तबादला, 3 रिश्वत लेने के अपराध में सस्पेंड.
8. दिल्ली जलबोर्ड घोटाले में 56 अधिकारी फंसे. जाँच शुरू।
9. दिल्ली के संगम विहार, देवली गाँव जैसे इलाको में टैंकर पानी माफिया पर शिकंजा. सभी बोरवैल सरकारी कब्जे में लिए गए. पानी के टैंकर का ब्यौरा वेबसाइट पर डाला ताकि जनता जान सके कि कौन सा टैंकर कब और किस इलाके में जायेगा. पारदर्शिता की नयी मिसाल.
10. ठण्ड से परेशान गरीब असहाय लोगों के लिए कई नए रैन बसेरों का निर्माण. पुरानी बसों को बनाया रैन-बसेरा बनाकर बेकार संसाधनों का बेहतरीन इस्तेमाल.
11. दिल्ली के व्यापारिओं के हित में वैट का सरलीकरण और अन्य कर सम्बन्धी सुधार लागू किए गए।
12. दिल्ली में व्यापारिओं को बड़ी राहत। रिटेल में एफडीआई समाप्त। छोटे व्यापारिओं की चिंता का निदान।
13. दिल्ली में रेहड़ी, पटरी वाले छोटे व्यापारिओं का शोषण रोकने के लिए तथा उन्हें सम्मानजनक आजीविका कमाने देने के लिए नयी कल्याणकारी योजना लाने का फैसला।
14. भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए एंटी-करप्शन 1031 और 25356971 नंबर जारी. पहली बार दिल्ली में किसी सरकार ने ऐसा किया.
15. नर्सरी एडमिशन हेल्प लाइन नंबर 011-27352525 नंबर जारी। हजारों अभिभावकों की चिंता दूर की.
16. डोनेशन के नाम पर स्कूलों में सरेआम होने वाली सौदेबाजी बन्द. दिल्ली के माता-पिता के जेब को लूटने से बचाया.
17. दिल्ली के प्रत्येक सरकारी स्कूलों का सर्वे पूरा. हर स्कूल को एक लाख रूपए जारी किये जा चुके हैं ताकि छोटे-छोटे कामों जैसे पानी, शौचालय की मरम्मत आदि के लिए परेशानी ना हों.
18. स्कूलों के अध्यापकों का काम करने का समय बढ़ा कर 45 घंटे प्रति सप्ताह किया.
19. दिल्ली के विद्यार्थिओं को मुफ्त बस पास देने की योजना पर फैसला !
20. दिल्ली के 1984 सिख दंगो पर एसआईटी का गठन जो पिछली कोई सरकार न कर सकी.
21. दिल्ली के सरकारी दफ्तरों के बाहर प्रचलित दलाली प्रथा पर नकेल कसी. स्टिंग आॅपरेषन से दी जनता को नयी ताकत. भ्रष्टाचारियांे में खलबली।
22. दिल्ली पुलिस को दिल्ली की सरकार के अधीन लाने व महिला सुरक्षा के लिए सड़क पर आन्दोलन।
23. दिल्ली पुलिस के स्टिंग की सी.डी. जारी जिसमें हफ्ता वसूली और मासूमों पर अत्याचार को दिखाया गया। तीन पुलिसवाले तुरंत निलम्बित, “आप” का असर.
24. शराब माफियाआंे के खिलाफ लड़ते हुए शहीद होने वाले दिल्ली पुलिस के जवान के परिवार को एक करोड़ रूपये का मुआवजा। शहीदों का सम्मान हमेशा “आप” की पहली प्राथमिकता रहेगी।
25. राशन माफियाओं की नाक में नुकेल कसी। राशन वितरण में पारदर्शिता लाने की कयावद शुरू।
26. कृषि उत्पादों से सम्बंधित बोर्ड में भारी फेरबदल और बर्खास्तगी ताकि सब्जियों और फलों की काला बाजारी पर रोक लगे और महंगाई काबू में आए।
27. महिला सुरक्षा दल बनाने पर जोर-शोर से काम जारी. कमेटी का गठन किया.
28. महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली परिवहन के साथ मिलकर मानस फाउंडेशन संस्था द्वारा दिल्ली के एक लाख ऑटो चालकों का संवेदनशीलता सम्बन्धी मानसिक प्रशिक्षण शुरू. अब तक चार हजार ऑटो चालक प्रशिक्षित किये जा चुके हैं.
29. दिल्ली सरकार के अंतर्गत ठेकों पर काम करने वाले लगभग एक लाख कर्मचारियों को स्थायी करने का निर्णय परन्तु लागू करने से पहले सरकार गिरी. 30. दिल्ली के लोधी कॉलोनी इलाके में रिक्शे वाले से एनडीएमएसी अस्पताल का उद्घाटन. “आम आदमी” को इज्जत और सम्मान. मालिक को उसकी जगह दी और नौकर “नेता” को उसकी जगह बताई.
31. दिल्ली और एनसीआर के लिए 5500 ऑटो के नए परमिट जारी किए यात्रिओं को आराम.
32. दिल्ली की जनता और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर धरना-पुलिस को जवाबदेह बनाने की माँग.
33. दिल्ली सरकार में ज्यादा से ज्यादा नौकरियांे में भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की. 34. दिल्ली में 100 नई आधुनिक और पूर्ण सुसज्जित एम्बुलेंस खरीदने का आदेश दिया.
35. दिल्ली के 11 बड़े अस्पतालों में कामकाजी लोगों की सुविधा के लिए शाम की ओपीडी शुरू करने की योजना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सरकारी व्यवस्था का लाभ ले सकें.

36. दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों और मशीनों की खरीद के लिए केंद्रीकृत खरीद व्यवस्था शुरू.
37. दिल्ली के अस्पतालों में मानव संसाधन और मशीनों के रख-रखाव और आधुनिकरण के लिए केंद्रीकृत कंप्यूटर प्रणाली, हैल्थ मैनेजमेंट इन्फारमेषन सिस्टम की प्रक्रिया के पहले कदम में एलएनजेपी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू. जल्द ही सभी अस्पतालों में लागू करने का इरादा था.
38. बलात्कार और एसिड हमले की शिकार पीडि़ता महिलाओं को बिलकुल मुफ्त इलाज देने के लिए सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को आदेश जारी किया जा चूका है.
39. दिल्ली में खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए योग्य खिलाडियों की वार्षिक मदद छतीस हजार से बढ़ा कर दो लाख रूपए सालाना की गई।
40. दिल्ली में केंद्र द्वारा जरुरत से कम सीएनजी देने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील. दबाव में केंद्र सरकार द्वारा सीएनजी के दामों में जबर्दस्त कमी से आम आदमी को राहत.
41. प्राकृतिक संसाधनों की कॉर्पोरेट (अम्बानी) द्वारा लूट और केंद्र द्वारा मूक समर्थन पर हल्ला बोल. एक बेबाक और निर्भय सरकार जो बड़े-बड़े भ्रश्टों के खिलाफ भी कार्यवाही से नहीं हिचकिचाती।
42. भारत के इतिहास में पहली बार किसी राज्य सरकार द्वारा बड़े उद्योगपति मुकेश अम्बानी और केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, मुरली देवड़ा पर एफआईआर दर्ज.
43. शिला दीक्षित सरकार के समय हुए “दिल्ली रिंग-रोड बाईपास” के निर्माण में 184 करोड़ रूपए के घोटाले की जांच के दिए आदेश.
44. अवैध कालोनी घोटाले में शीला दीक्षित के खिलाफ केस दर्ज, चुनावी वादा निभाया. किसी भ्रष्ट को नहीं बख्शा जायेगा चाहे वो कितना भी ताकतवर क्यों ना हो.
45. कॉमन वेल्थ घोटाला बड़ी मछलिओं पर शिकंजा कसा- कांग्रेस और बीजेपी में बेचैनी शुरू.

46. पहली बार भारतीय राजनीती में इतने बड़े पैमाने पर सभी मंत्रिओं का अपने अधीन विभागों का रात-बे-रात औचक दौरा और ज्यादातर समस्याओं का मौके पर निदान. जनता के सेवक जनता के बीच.
47. दिल्ली में जनता को त्वरित न्याय दिलवाने के लिए नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने का निर्णय.
48. स्वराज बिल पर काम जारी, मोहल्ला सभाओं को पैसा और निर्णय का अधिकार देने का फैसला.
49. दिल्ली के लिए बहुत ही मजबूत जनलोकपाल बिल का फाइनल ड्राफ्ट तैयार पर कांग्रेस और बीजेपी की दोगली नीति के कारण विधानसभा में इसे रखने नहीं दिया गया और आखिरकार जिसकी वजह से सरकार गिरी.
जनकारों को मानना है कि इस मुल्क के आजाद होने के बाद आज तक किसी भी सरकार ने इतनी तेजी के साथ, इतने सारे मसलों पर एक साथ और इतनी नेक नियति से काम नहीं किया जितना “आप” ने दिल्ली में 49 दिनों में किया.अंदाजा लगाइए कि अगर ये सरकार पूर्ण बहुमत में होती और अगले पूरे पांच साल सेवा करती तो दिल्ली का चेहरा ही बदल जाता….ये तो बस एक शुरुआत भर थी। खैर जनता सब जानती है। तभी तो सरकार गिरने के बाद हुए तमाम सर्वे जो तस्वीर बता रहे हैं उसके मुताबिक दिल्ली में अगली सरकार आप की बनना तय है। आम आदमी पार्टी को मिलने वाला चंदा भी इसी ओर इषारा करता है क्योंकि सरकार गिरने के उपरांत चंदे में दस गुना तक की अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई है।

No comments:

Post a Comment