Tuesday 24 June 2014

हर हर उल्लू , घर घर उल्लू

एक बार एक आदमी ने गांववालों से
कहा की वो 10 रु .में एक बन्दर खरीदेगा , ये सुनकर
सभी गांववाले
नजदीकी जंगल की और दौड़ पड़े और वहां से
बन्दर पकड़
पकड़ कर 10 रु .में उस आदमी को बेचने
लगे .......
कुछ दिन बाद ये सिलसिला कम हो गया और
लोगों की इस बात में दिलचस्पी कम
हो गयी .......
फिर उस आदमी ने कहा की वो एक एक बन्दर के
लिए
20 रु .देगा , ये सुनकर लोग फिर बन्दर पकड़ने
में लग
गये , लेकिन कुछ दिन बाद मामला फिर
ठंडा हो गया ....
अब उस आदमी ने कहा की वो बंदरों के लिए 50
रु .
देगा ,लेकिन क्यूंकि उसे शहर जाना था उसने इस
काम के
लिए एक असिस्टेंट नियुक्त कर दिया ........
50 रु .सुनकर गांववाले बदहवास हो गए ,लेकिन
पहले
ही लगभग सारे बन्दर पकडे जा चुके थे इसलिए
उन्हें
कोई हाथ नही लगा ...... तब उस
आदमी का असिस्टेंट
उनसे आकर कहता है .....
" आप लोग चाहें तो सर के पिंजरे में से 35 -35
रु . में
बन्दर खरीद सकते हैं , जब सर आ जाएँ तो 50
-50 में बेच
दीजियेगा "...गांववालों को ये प्रस्ताव
भा गया और
उन्होंने सारे बन्दर 35 -35 रु .में खरीद
लिए .....
अगले दिन न वहां कोई असिस्टेंट था और न
ही कोई सर .......थे तो बस सब बन्दर ही बन्दर
...........
...........
.....
.....
..
..
..
...
हर हर उल्लू , घर घर उल्लू

1 comment:

  1. Main AAP k saath tha , saath hoon , aur hamesha saath rahunga ......

    ReplyDelete